Friday, September 24, 2010

Amritsar Car Free Zone & Ecocabs Rickshaw-India



It gives me immense pleasure to inform you that after successful implementation of Car Free Zone at Fazilka and Ferozpur, Amritsar is going to be the third border city, which has introduced "Car Free Zone" from Today. Border areas which are supposed to be considered backward are taking up the most advanced and sustainable city initiatives. Local shopkeepers are protesting without realizing the fact that globally pedestrian friendly commercial areas have maximum revenue. Three Indian cities example endorse the same; Sector 17 Chandigarh, world's biggest pedestrian shopping mall, 14km long World's longest Shimla Mall Road and Chandani Chowk, Delhi. Let's follow the legacy set by first Sikh Guru Shri Guru Nanak Dev Ji, who himself taught the lessons of "Kirat Karo, Naam Japo and Vand Chakoo" to the world by travelling more than 28,000 km of distance as pedestrian.

Special Thanks to Amritsar D.C. Mr K.S Pannu and Commissioner Mr Kharbanda for Introducing Car Free Zone in Amritsar. Heartiest Congratulations to Amritsar residents and enjoy the uninterrupted, socially equitable commuting around the most visited spot within the walled city….


India Begins Here...

Saturday, September 18, 2010

Punjab to introduce Ecocabs in Amritsar

The Punjab government has decided to introduce modified rickshaws (Ecocabs) in Amritsar city. The introduction of these rickshaws in other cities will be considered on the basis of the experience and feedback received by the Department of Tourism.

An affidavit to this effect was filed by Hussan Lal, Special Secretary, Tourism and Cultural Affairs, in response to a suo motu notice taken by Chief Justice Mukul Mudgal on a news item published in The Indian Express on April 26.

The news item had highlighted the role of School of Planning and Architecture (SPA), New Delhi, at the asking of Graduates' Welfare Association of Fazilka, in designing a lighter cyclerickshaw named Ecocab.

During the resumed hearing of the case on Tuesday, the state submitted: "The Department of Tourism had engaged GWAF to undertake a study of traffic pattern in Amritsar and suggest measures to introduce modified rickshaws (Ecocabs). Navdeep Asija of the association prepared a study report and presented before a committee comprising officials of the Tourism department, the mayor and commissioner of Amritsar. The committee found the introduction of modified rickshaws feasible. A meeting was held on September 9 where the methodology for introduction of the project was discussed."

Friday, September 17, 2010

प्रदूषण के खतरे ने बनाया पर्यावरण प्रेमी

अमृत सचदेवा, फाजिल्का

एक तरफ पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, वहीं पर्यावरण की चिंता करने वाले लोग भी हैं, उनका जुनून दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। ऐसे ही एक शख्स हैं गांव साबूआना, फाजिल्का के प्रेम कुमार भदरेचा। उन्होंने एक साल के भीतर एक हजार पौधे गांव के नहरों, सरकारी स्कूलों व खेतों के किनारों पर लगाए हैं।

गौर हो कि भारत विकास परिषद से जुड़े प्रेम कुमार को दो साल पहले औद्योगिक इकाइयों वाले शहरों में जाना पड़ा। वहां धुएं व अन्य प्रकार के प्रदूषण और उससे बीमार पड़ रहे लोगों को देख उनके मन में पर्यावरण संरक्षण का भाव उत्पन्न हुआ। इसके बाद उन्होंने पौधे लगाने का सिलसिला शुरू किया। करीब डेढ़ सौ पौधे आठ से 10 फुट ऊंचे वृक्ष का रूप धारण कर चुके हैं। प्रेम कुमार अपने खेत व घर में ही नर्सरी बना कर पौधे तैयार कर रहे हैं। वे ज्यादातर नीम के पौधे तैयार करते हैं। इन पौधों को स्कूलों, खेतों व नहरों किनारे लगाने में जुटे रहते हैं। एक साल के भीतर वह एक हजार पौधे लगा चुके हैं। भारत विकास परिषद परिवार में वह पर्यावरण प्रेमी के नाम से प्रसिद्ध हो चुके हैं। 'दैनिक जागरण' के साथ बातचीत में प्रेम कुमार ने बताया कि पौधारोपण से उन्हें आंतरिक खुशी मिलती है।

Wednesday, September 15, 2010

Amritsar to have modified cycle rickshaws soon

Hindustan Times, 15th September 2010,Chandigarh Edition
LIGHT WEIGHT `ECO CABS' TO RUN IN PILOT PROJECT; OTHER CITIES TO FOLLOW LATER, GOVT TELLS HC

The Department of Tourism, Punjab, will introduce modified cycle rickshaws (Eco Cabs), which are much lighter in weight than the traditional ones, in Amritsar city as a pilot project.

The same would be introduced in other cities on the basis of the Amritsar experience.

Hussan Lal, Special Secretary, Tourism and Cultural Affairs, Punjab, brought this to the notice of Punjab and Haryana High Court on Tuesday through an affidavit. He said during a September 9 meeting, attended by Director, Tourism, Amritsar Deputy Commissioner and officials of Municipal Corporation Amritsar, methodology of introduction of this project was discussed. The issue of financing the rickshaws through various banks was also discussed and the Deputy Commissioner agreed to implement the project.

It was also informed that the Department of Tourism had engaged Graduates Welfare Association Fazilka (GWAF) to undertake a study of traffic pattern in Amritsar and suggest measures to introduce modified rickshaws.

The Punjab and Haryana High Court had earlier taken suo motu cognisance of a news item, which appeared in English daily on April 26, highlighting the role of School of Planning and Architecture (SPA), New Delhi, at the asking of GWAF in designing a lighter cycle rickshaw named as `Eco Cab'. GWAF named it `Fazilka Nano' and launched on April 4 at Fazilka Heritage Festival. The High Court converted it into a public interest litigation and issued notice to Punjab.

The High Court order dated April 28 read, "With its transformation into Eco Cab, it is on the way to become a viable and eco-friendly mean of transport for all...."

Monday, September 13, 2010

पानी व्यर्थ बहाने से बाज नहीं आ रहे लोग

अमृत सचदेवा, फाजिल्का
फाजिल्का में समाजसेवी संगठनों द्वारा जल बचाने के लिए छेड़ी गई मुहिम के प्रति लोगों द्वारा दिखाई जा रही बेरूखी से यही लगता है कि उनको पानी की कोई कद्र नहीं है। यही कारण है कि दो समाजसेवी संगठनों द्वारा गली व मोहल्ले में घूमकर पानी व्यर्थ बहा रही सप्लाई वाली जिन पाइपों पर टूटियां लगाई गई थीं, उनमें से कई फिर से उखाड़ दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि फाजिल्का में ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन ने सबसे पहले मुहिम चलाकर नई आबादी, धींगड़ा कालोनी, टीचर कालोनी आदि इलाकों में घरों के बाहर लगी पेयजल आपूर्ति की पाइपों पर वाल्व व टूटियां लगानी शुरू की थीं। वहीं सोशल वेलफेयर सोसायटी ने भी खुली पाइपों पर टूटियां व वाल्व लगाने के अलावा हर सप्ताह एक मोहल्ले में जल प्रभातफेरी निकालनी शुरू की है।

सोसायटी के अध्यक्ष राजकिशोर कालड़ा के अनुसार उनकी संस्था अब तक 70 व ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव इंजीनियर नवदीप असीजा के अनुसार उनकी संस्था ने 63 पाइपों पर टूटियां व वाल्व लगवाए हैं। इस कार्य में दोनों संगठन प्लंबर, सामान, जागरूकता के लिए साउंड सिस्टम, पर्चे बंटवाने आदि पर करीब 15 से 20 हजार रुपये खर्च कर चुके हैं।

जब दैनिक जागरण ने दोनों संस्थाओं द्वारा लगाई टूटियों का जायजा लिया तो करीब 20 पाइपों से लोगों ने टूटियां व वाल्व फिर से उखाड़ दिए थे। पता चला कि लोग मोटरों से ज्यादा पानी खींचने के लिए उन पर मोटी पाइप चढ़ाते हैं और पानी भरने के बाद पाइप को खुला छोड़ देते हैं। नतीजतन पानी फिर से बेकार बहने लगता है।

नगर परिषद से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन एक टूटी पर चार सौ लीटर पानी सप्लाई किया जाता है। दोनों संगठनों ने करीब सवा सौ टूटियों से महीने भर में व्यर्थ जाने वाला 22 लाख लीटर पानी बचाने का प्रयास किया है। लेकिन फिर से 20 पाइपों से नल उखाड़े जाने के कारण फिर से करीब दो लाख लीटर पानी बेकार जाने लगा है। लोगों के इस रवैये से दोनों संगठन हताश हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे पानी को व्यर्थ मत जानें दें।

Wednesday, September 8, 2010

नेशनल टी-20 क्रिकेट चैंपियनशिप मेजबानी का मौका फाजिल्का को

जागरण संवाददाता, फाजिल्का

भारत-पाक सरहद पर बसे ऐतिहासिक नगर फाजिल्का में साल 2009 में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों के सफल आयोजन के बाद एक बार फिर से इंडियन टी-20 क्रिकेट फेडरेशन ने पंजाब टी-20 एसोसिएशन को राष्ट्र स्तरीय टी-20 मुकाबलों की मेजबानी का मौका दिया है। एसोसिएशन ने फाजिल्का-अबोहर व जलालाबाद में तीन जगह 26 सितंबर से सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल टी-20 चैंपियनशिप करवाने की घोषणा की है।

उक्त जानकारी देते हुए इंडियन टी-20 के लायजन आफिसर फाजिल्का निवासी पंकज धमीजा ने बताया कि टूर्नामेंट में विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 32 टीमें भाग ले रही हैं। इन टीमों को दो भागों में बांटकर मुकाबले करवाए जाएंगे। इस मौके पर मुख्य अतिथि यूथ अकाली नेता करण गिलहोत्रा ने प्रतियोगिता के बैनर का लोकार्पण किया, जिसका स्लोगन क्रिकेट का द्वितीय महासंग्राम दिया गया है।

यह टीमें लेंगी भाग

फाजिल्का : सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल टी-20 चैंपियनशिप में आंध्र प्रदेश, कोलकाता, बंगलुरु, पेप्सो, तेलंगाना, सौराष्ट्र, उड़ीसा, पंजाब, हैदराबाद, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, वेस्ट बंगाल, छत्तीसगढ़, मुंबई, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मराठवाड़ा, वेस्टर्न उत्तर प्रदेश, बड़ोदरा, हरियाणा, बिहार, गुजरात, गोवा, राजस्थान, विदर्भ, पूर्वाचल, दिल्ली व मध्य प्रदेश की टीमें शामिल होंगी।

बिग गेम, बिग प्राइज

फाजिल्का : इंडियन टी-20 क्रिकेट फेडरेशन के लायजन आफिसर पंकज धमीजा ने बताया कि फाइनल जीतने वाली टीम को एक लाख रुपये नकद इनाम व उपविजेता को 51 हजार रुपये पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा मैन आफ द सीरिज को मोटरसाइकिल, क्वार्टर फाइनल से फाइनल तक के मैन आफ द मैच रहे खिलाड़ियों को 11-11 सौ रुपये, बेस्ट बैट्समैन, बेस्ट गेंदबाज, बेस्ट विकेटकीपर, बेस्ट फील्डर व अन्य विभागों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को 21-21 सौ रुपये पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

शिक्षक पर राष्ट्र की जिम्मेदारी : मास्टर मोहन लाल

जागरण संवाद केंद्र, फाजिल्का

परिवहन मंत्री पंजाब मास्टर मोहन लाल ने मंगलवार शाम को श्री अरोड़वंश भवन में सरहद सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित अध्यापक सम्मान समारोह में बेहतरीन सेवाएं देने वाले 25 शिक्षकों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि अध्यापक पर पूरे राष्ट्र की जिम्मेदारी है और जो इसका निर्वाह नहीं कर सकता उसे अध्यापन छोड़कर अन्य पेशा अपना लेना चाहिए।

उन्होंने सोसायटी के प्रकल्प की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक सुरजीत ज्याणी ने की। उपस्थिति को समाज सेवक कर्ण गिल्होत्रा ने भी संबोधित किया।

मुख्य मेहमान मास्टर मोहन लाल, विधायक ज्याणी, कर्ण गिल्होत्रा, एसडीएम अजय सूद, एसडीएम राजीव पराशर, नप अध्यक्ष अनिल सेठी, अशोक जैरथ, चेयरमैन रणजीत सिंह धालीवाल, भाजपा अध्यक्ष जगदीश सेतिया ने पाच रिटायर्ड अध्यापकों सदा लाल ग्रोवर, चानन लाल तनेजा, जितेन्द्र सिंह ग्रोवर, कृष्णा शर्मा, राज कृष्ण सेठी को सम्मानित किया। इसके अलावा प्राइमरी स्कूल शिक्षकों में से संदीप आर्य (गांव केरिया), गोबिन्द कुमार (बस्ती हजूर सिंह स्कूल), अमित अरोड़ा( गांव खानपुर), उर्मिला ग्रोवर(आर्य पुत्री पाठशाला),बंता सिंह (गांव आसफवाला के), राज कुमार (तेजा रूहेला) सम्मानित किए गए।

इसके अलावा सीनियर सेकेंडरी अध्यापकों में लालोवाली स्कूल के प्रिंसिपल रत्न लाल कटारिया, कबूलशाह खुब्बन के संदीप अनेजा, सीसे स्कूल की सुधा कटारिया, कीड़ियांवाली के हेडमास्टर पंकज अंगी, लाधूका मंडी के पवन कुमार, मंडी अमीनगंज के हेडमास्टर हस राज, जलालाबाद की सरला सचदेवा, अनिता रानी, प्रिंसिपल चंद्रकाता, सुनीता नारग, प्राइवेट स्कूल शिक्षकों में डीएवी स्कूल की सुषमा चुचरा, होली हार्ट स्कूल की संध्या नारग, सर्वहितकारी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल पवन सेतिया, गाडविन स्कूल घल्लू के अभिलेख शर्मा सम्मानित किए गए। सरकारी एमआर कालेज के संस्थापक परिवार को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। परिवार के सदस्य विनोद बासल ने सम्मान प्राप्त किया।

स्टेट अवार्ड पाने वाले अध्यापक विजय गुप्ता, शिक्षाविद राज किशोर कालड़ा, यूसीमास में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण के लिए होली हार्ट डे बोर्डिग स्कूल के गुरचरण तनेजा भी सम्मानित किए गए। होली हार्ट स्कूल के विद्यार्थियों ने भू्रण हत्या विरोधी कोरियोग्राफी पेश की। सोसायटी के अध्यक्ष राकेश नागपाल, मनोज नागपाल व दीपक नागपाल ने मुख्यातिथि व अन्य मेहमानों का स्वागत किया।

Monday, September 6, 2010

पाक ने जब अचानक किया हमला-1965 India Pakistan War at Fazilka

लंबे समय से खड़ी सीमा विवाद, सांप्रदायिक और तनाव के चलते कश्मीर मुद्दे के सवाल पर पाकिस्तान ने छह सितंबर को अचानक फाजिल्का पर हमला कर दिया। भारत पाक युद्ध की औपचारिक घोषणा के बिना शुरू हुए 1965 के इस युद्ध की शुरुआत में फाजिल्का क्षेत्र को काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन जब भारतीय सेना के जांबाज जवानों ने ऑपरेशन रिडल शुरू किया तो पाकिस्तानी रेंजर अधिक देर तक उनके सामने नहीं टिक पाये।

फाजिल्का हो गया खाली

फाजिल्का शहर और आसपास के गांवों में सांय सात बजे खुशनुमा माहौल था। मजदूर घर लौट रहे थे। घरों में रात का खाना बनाने के काम में महिलाएं जुट चुकी थी। एकदम बलैक आऊट हुआ तो लोगों ने समझा कि रात को बत्ती गुल होना रोजाना का कार्य है, लेकिन रात होते ही पाकिस्तानी सेना की ओर से एक लड़ाकू जहाज फाजिल्का शहर में एकदस घुसा। चारों ओर सन्नाटा छा गया। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि एकदम क्या हो गया। घोषणा हुई कि पाकिस्तान की ओर से युद्ध शुरू कर दिया गया है। गालियों की गडग़राहट सुनाई पड़ी तो लोग जैसे तैसे अपना जरूरी सामान बांधने लगे। किसी को पता नहीं था कि किधर जाना है, मगर सभी चल पड़े। मलोट रोड़ पर भारतीय सेना के आने के कारण लोगों ने अपना रूख अबोहर की ओर कर लिया। दो तीन घंटे में ही फाजिल्का सुनसान हो गया।

14 पंजाब ने रोका पाक को

फाजिल्का के सरहदी गांव मोहमदपीर, नूरन और चानन वाला की ओर से पाकिस्तानी सेना आगे बढ़ रही थी। भारतीय सेना भी जानती थी कि पाकिस्तान को रोकने के लिए सतलुज दरिया हिमालय का काम कर रहा है। इस कारण पाकिस्तान महातम नगर की ओर से हमला नहीं कर सकता। इस कारण भारतीय सेना भी फाजिल्का से उन गांवों में पहुंंच गई, जिस ओर से पाकिस्तानी सेना ने युद्ध की शुरूआत की थी। पाक सेना सुलेमानकी बॉर्डर से बंबबारी कर रही थी। उनका सामना करने के लिए भारतीय सेना की 14 पंजाब बटालियन भी पहुंच गई। उन्होंने पाकिस्तानी सेना का डटकर मुकाबला शुरू कर दिया और पाकिस्तानी सेना आगे बढऩे से रूक गई। पाक को पता चल चुका था कि अब इस ओर से आगे बढऩा असंभव है। इस कारण पाक सेना दूसरी ओर आगे बढऩे लगी और गांव चाननवाली तक पहुंच गई।

जमीन के लिए नगर सुधार ट्रस्ट और वक्फ बोर्ड आमने-सामने

मिनी सचिवालय के सामने पड़ी भूमि को लेकर नगर सुधार ट्रस्ट व वक्फ बोर्ड
आमने सामने हो गया है। मामला अब सिटी थाना पहुंच गया है और दोनों विभागों
ने एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत भी दे दी है। एक ओर ट्रस्ट
का दावा है कि 1.18 एकड़ भूमि पर उनका कब्जा है और मालकी का केस पंजाब
एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहा है, लेकिन वक्फ बोर्ड पर भूमाफिया भारी
हो चुका है और बोर्ड उन्हें फायदा देने की फिराक में है।

ट्रस्ट के चेयरमैन महिन्द्र धींगड़ा ने बताया कि सचिवालय के सामने पड़ी
जगह पर ट्रस्ट का कब्जा है और वहां बोर्ड और फैंसिंग लगी हुई है। कई
स्थानों से तारबंदी टूट चुकी थी। वहां पिल्लर और तारबंदी के लिए एक
ठेकेदार को ठका दिया हुआ है। ठेकेदार ने वहां सीमेंट व अन्य सामान भेज
दिया। इसका पता चलते ही वक्फ बोर्ड अधिकारी ने कुछ साथियों सहित तारबंदी
उखाड़ सीमेट और बोर्ड ख्ुार्दबुर्द कर दिया। बोर्ड की ओर से चेयरमैन के
खिलाफ शिकायत की गई है। उधर, महिन्द्र धींगड़ा ने भी पुलिस से शिकायत कर
दी है। धींगड़ा का कहना है कि वह यहां डा. बीआर अंबेदकर मार्केट बनवाना
चाहते हैं। मंजूरी मिल चुकी है।

58 लोगों को भेजा नोटिस

अबोहर रोड पर राम शरणम आश्रम के सामने पड़ी ट्रस्ट की भूमि पर निर्माण
करवाने पर नगर सुधार ट्रस्ट ने 58 लोगों को धारा 38 का नोटिस भेजा गया
है। चेयरमैन धींगड़ा ने बताया कि इन लोगों को एक माह का समय दिया गया है।
यदि इस दौरान वे अपना पक्ष रखना चाहते है तो उनका पक्ष सरकार को भेज दिया
जाएगा। यदि उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा तो सैक्शन 40 के तहत नोटिस भेजकर
कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यहा करीब अढ़ाई एकड़ भूमि है, जिस पर ट्रस्ट
अपना दावा रखता है