Sunday, October 9, 2011

को-जेनरेशन प्लांट से रुका पराली दहन

अमृत सचदेवा, फाजिल्का : कभी किसानों के लिए जी का जंजाल और पर्यावरण के लिए मुसीबत बनी धान की पराली अब किसानों के लिए फायदे का सौदा बन गई है। पराली जलाए जाने की मजबूरी से निजात मिलने पर पर्यावरण भी दूषित होने से बच गया है। यह सब संभव हो पाया है दी फाजिल्का को-आपरेटिव शूगर मिल में लग रहे को-जेनरेशन प्लांट से। इलाके के खेतों से पराली उक्त प्लांट में बायोमास जलाकर बिजली पैदा करने के लिए एकत्रित की जा रही है।

जिले के गांव बोदीवाला पीथा स्थित मिल में लगाए जा रहे 20 मैगावाट को-जेनरेशन प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए बायोमास (एग्रीकल्चर वेस्ट, उपले व हर प्रकार का ज्वलनशील ईधन) जलाया जाएगा। हालांकि अभी तक यह प्लांट शुरू नहीं हुआ है, लेकिन प्रतिदिन 400 टन बायोमास की खपत क्षमता वाले इस को-जेनरेशन प्लांट के लिए इसे लगा रही कंपनी ए-टू-जेड इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपनी सहयोगी कंपनी मल्टी फ्यूल मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से इसमें जलाने के लिए बायोमास एकत्रित करना शुरू कर दिया है। अब नरमे की फसल के बाद बचने वाली बनछट्टियां किसानों से उचित भाव पर खरीदी जा रही हैं। करीब दो हजार रुपये प्रति एकड़ के खर्च से साफ होने वाले धान के खेत से मल्टी फ्यूल कंपनी फ्री में पराली उठा किसानों के हजारों के वारे न्यारे कर रही है।

इस बारे में मल्टी फ्यूल कंपनी के डिप्टी जनरल मैनेजर भूपिंदर सिंह का कहना है कि उनका लक्ष्य 50 हजार टन बायोमास एकत्रित करना है, ताकि छह माह या उससे ज्यादा लंबे समय तक के लिए को-जेनरेशन प्लांट में खपाने योग्य ईधन उपलब्ध रहे। 25 हजार टन के करीब बायोमास कंपनी की ओर से स्थापित तीन हब जंडवाला खरता, बनवाला हनवंता व अबोहर के गांव अजीमगढ़ में इकट्ठा भी किया जा चुका है। डीजीएम ने बताया कि कंपनी खेतों से करीब 50 प्रतिशत धान की पराली उठा लेगी। इसके चलते खेतों में पराली को आग लगाने की नौबत नहीं आएगी। उनके अनुसार पराली में आग लगाए जाने से भूमि की उर्वरा शक्तिसमाप्त होने के साथ आगामी फसल की सुरक्षा करने वाले मित्र कीट भी मर जाते हैं। कंपनी द्वारा बायोमास एकत्रित करने के कार्य में इलाके के दो सौ लोगों को बतौर कर्मचारी व तीन सौ मजदूरों को रोजगार भी दिया जा रहा है। सिंह ने बताया कि को-जेनरेशन प्लांट नवंबर में काम करना शुरू कर देगा।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_8324557.html

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