Friday, March 2, 2012

70 हजार गैलन पानी हो रहा बर्बाद

Dainik Bhaskar 2 March 2012
सरकार और समाजसेवी संस्थाएं लगातार लोगों से अपील कर रही हैं कि अगर बेकार जा रहे पानी को बचाया नहीं गया तो इसके परिणाम गंभीर होंगे। इसके बावजूद देश भर में होली के दिन पर लाखों गैलन पानी बर्बाद होता है। इस पानी को बचाने के लिए भास्कर ने अभियान चलाकर पहल की है। इससे जहां आप पानी तो बचा ही पाएंगे, साथ में रासायनिक रंगों से भी आपको छुटकारा मिलेगा। यानी न तो पानी की बर्बादी होगी और न ही रासायनिक रंगों का त्वचा पर कोई कुप्रभाव पड़ेगा।
नगर कौंसिल के रिकार्ड अनुसार फाजिल्का शहर में करीब 12 हजार टूटियां हैं और करीब 2 हजार अवैध कनेक्शन हैं। इसके अलावा सैकड़ों की तादाद में नलकूप हैं। करीब एक लाख की आबादी वाले इस शहर को रोजाना अनुमानत दो लाख गैलन से अधिक पानी दिया जा रहा है। जिसमें लोगों की लापरवाही से वाटर सप्लाई की टूटियां खुली होने के कारण करीब 70 हजार गैलन पानी बेकार जा रहा है। खासकर होली के दिन तो लाखों लीटर पानी रासायनिक रंगों में घोल दिया जाता है। इसलिए जरूरी है कि तिलक होली अभियान के सदस्य बनकर पानी के लिए होने वाले तीसरे विश्व युद्ध को रोकने में सहयोग दें।
 
नहरी पानी परियोजना 
  • 2 लाख 87 हजार गैलन पानी की क्षमता 
  • 1.50 लाख गैलन पानी रोजाना उपलब्ध 
  • गर्मियों में सप्लाई 9000 किली प्रति घंटा 
  • सर्दियों में सप्लाई8000 किली. प्रति घंटा 
  • शहर में ट्यूबवेलों की संख्या 9 
  • पानी की क्षमता 20 हजार गैलन प्रति घंटा 
  • 3 अन्य ट्यूबवेलों के पानी की क्षमता 1200 लीटर प्रति घंटा

No comments: