Thursday, July 16, 2015

सरकारी कॉलेज में मिलेगा 1000 विद्यार्थियों को दाखिला

रवि आहलूवालिया संग उच्च शिक्षा डायरेक्टर से मिले नवदीप असीजा
  • कॉलेज को आज हो जाएगा अधिकारित पत्र जारी
  • अन्य समस्याओं का समाधान भी जल्दी होने की उम्मीद जागी
फाजिल्का 14 जुलाई: सरकारी मुंशी राम कॉलेज में दाखिला लेने से वंचित हुए विद्यार्थियों के लिए खुशी का समाचार है। क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कॉलेज में बीए-1 की अब 1000 सीटें कर दी गई हैं। कॉलेज में सीटें बढ़ाने के लिए ग्रेजूएटस वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का के सचिव नवदीप असीजा कुछ समय से यह प्रयास कर रहे थे। अब उनकी भी मेहनत रंग लाई और विभाग ने कॉलेज में 1000 सीटें करने की घोषणा कर दी है। गवफ सचिव नवदीप असीजा ने उच्च शिक्षा मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा से पहले कॉलेज में सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर बात की थी। मगर विदेश में जाने के कारण उन्होंने अपने ओएसडी रवि आहलूवालिया से इस समस्या का समाधान करवाने की बात कही। श्री असीजा उन्हें साथ लेकर उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर पी.के. गोयल से मिले और उन्होंने फाजिल्का के सरकारी एम.आर. कॉलेज में 1000 सीटें करने का आदेश जारी कर दिया। नवदीप असीजा ने बताया कि आज कार्यालय में देरी की वजह से बढ़ी सीटों के बारे में कॉलेज को पत्र जारी नहीं किया जा सका। इस बारे में बुधवार को पत्र भी जारी कर दिया जाएगा। नवदीप असीजा ने बताया कि कॉलेज में विद्यार्थियों को पेश आ रही समस्याओं के बारे में कैबिनेट मंत्र व विभाग के आलाधिकारियों से बातचीत हो चुकी है और जल्दी ही अन्य समस्याओं का समाधान भी करवा लिया जाएगा। इधर फाजिल्का में समाचार पहुंचते ही उन विद्यार्थियों में खुशी पाई गई, जिन्होंने दाखिला लेने के लिए फार्म तो अप्लाई किया, लेकिन मात्र 480 सीटें होने के कारण उन्हें दाखिले से वंचित होना पड़ा। मगर अब उनमें दाखिला मिलने की उम्मीद जाग गई है। श्री असीजा ने बताया कि कॉलेज में हर साल सीटें बढ़ाने की समस्या को अब खत्म कर दिया जाएगा। इस बारे में उनकी उच्च शिक्षा मंत्री से बात भी हो चुकी है। बता दें कि जिला भर में यह एक ही सरकारी कॉलेज और सबसे पुराना कॉलेज है। मगर इसमें हर साल सिर्फ 480 विद्यार्थियों को ही दाखिला देने का प्रॉस्पेक्ट जारी किया जाता है। विद्यार्थी और अन्य संगठनों के आंदोलन के बाद सीटें बढ़ाई जाती हैं। जिस कारण कई विद्यार्थियों को बढ़ी सीटों का पता नहीं चल पाता और वह दाखिले से वंचित हो जाते हैं, लेकिन अब इस समस्या का स्थाई समाधान होने की संभावना बन गई है।

Sarhad Kesri, 16th July 2015, Fazilka

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