Monday, December 18, 2017

Sonu Sood honoured with Punjab Ratan award

Governor of Punjab, V P Singh Badnore, honoured the actor at an event at Fazilka in Punjab.

Dec 18, 2017 || Press Trust of India, Mumbai || Hindustan Times
Actor Sonu Sood was honoured with Punjab Ratan award for his contribution to the welfare of people of Punjab

Actor Sonu Sood has received the Punjab Ratan award for his contribution to the welfare of people of Punjab, specially his hometown, Moga.

Governor of Punjab, V P Singh Badnore, honoured the actor at an event at Fazilka in Punjab.

During the ceremony, the 44-year-old actor also paid homage to the soldiers who fought the 1971 Indo-Pak war.

"I feel really honoured to get Punjab Ratan award from the governor of Punjab and that too at a venue which was full of the families of the martyrs in the 1971 war and several Majors, Colonels and soldiers who fought that war were also present," he said.

"It was a great honour. I can relate to it more because I just finished for one schedule of J P Dutta's 'Paltan' where I'm playing a Major and was in the uniform for two months. Meeting those families and people, who sacrificed their lives for their nation, was a huge honour. I feel blessed. It was all possible because of the blessings of my parents," Sonu said in a statement.

Monday, December 4, 2017

225 सैनिकों ने शहादत देकर बचाया था फाजिल्का सेक्टर : आज श्रद्धांजलि पर विशेष

25 सैनिकों ने शहादत देकर बचाया था फाजिल्का सेक्टर || आज श्रद्धांजलि पर विशेष 

शहीद मेजर नारायण सिंह को पाक सेना ने भी सलामी दी थी

3 दिसंबर 1971 में पाक सेना को रोकने के लिए भारतीय सेना ने उड़ाया था गांव बेरीवाला का पुल

संजीव झांब | फाजिल्का

3दिसंबर 1971 फाजिल्का सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे गांवों के लिए कभी भूलने वाला दिन है। 1971 के भारत-पाक युद्ध का सर्वाधिक भीष्म युद्ध इसी सेक्टर में हुआ था। 3 दिसंबर की शाम पाकिस्तानी गोले फाजिल्का के सीमावर्ती गांवों में ताबड़तोड़ बरस रहे थे। लोग पहले ही पलायन कर चुके थे। पाकिस्तानी सेना टैंकों के साथ लगातार आगे बढ़ रही थी। 3 अासाम रेजीमेंट, 15 राजपूत और 67 इनफेंट्री ब्रिगेड के जवानों ने इनका बहादुरी से मुकाबला किया। सेना ने 4 जाट रेजीमेंट के जवानों को भी युद्ध क्षेत्र में उतार दिया। बढ़ रही पाक सेना को रोकने के लिए भारतीय सेना ने गांव बेरीवाला के पुल को उड़ा दिया। दोनों तरफ लगातार गोले बरस रहे थे। भारतीय सेना का नेतृत्व मेजर नारायण सिंह कर रहे थे और पाक सेना का मेजर शब्बीर शरीफ। मेजर नारायण िसंह ने 8 पाक सैनिकों को मौत के घाट उतारा। युद्ध में मेजर नारायण िसंह समेत सेना के लगभग 225 जवान शहीद हुए। 450 के करीब जख्मी।
1970 के युद्ध में पाक सेना को रोकने के लिए गांव बेरीवाला की ड्रेन पर बना यही पुल सेना ने उड़ाया था। तब से अब तक गांव के लोग इसकी मुरम्मत करा इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें, बॉर्डर एरिया में ड्रेन पर बने पुल पक्के नहीं बनाए जा सकते। लकड़ी से ही बनाया जाता है ताकि किसी खतरे में इसे आसानी से उड़ाया जा सके। ऊपर फोटो में शरमाना टैंक, जिसे पाक सेना से छीना गया था।
भारतीय सेना की तरफ से मेजर नारायण सिंह को मरणोपरांत वीरचक्र से सम्मानित किया गया। युद्ध विराम के बाद जब पाकिस्तान की तरफ से शहीद सैनिकों के शव भारतीय सेना को सौंपे गए तो तब पाक सेना के अधिकारियों ने मेजर नारायण सिंह को उनकी बहादुरी के लिए सलामी दी थी। शहीद सैनिकों का सामूहिक अंतिम संस्कार गांव आसफवाला में 90 फीट लंबी तथा 55 फुट चौड़ी चिता बनाकर किया गया था। शहीदों के बलिदान से प्रभावित फाजिल्का के लोगों ने उनकी याद में एक स्मारक का निर्माण किया। हर साल यहां शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
मेजर नारायण िसंह ने 8 पाक सैनिकों को मौत के घाट उतारा था

Dainik Bhaskar, Page 2, Ludhiana Edition, 3rd December 2017

सरकारी व निजी इमारतों का सुंदरता को दाग लगा रहे पोस्टर

पर नगर कौंसिल अवैध पोस्टरों के खिलाफ नहीं कर रहा कार्रवाई

अमृत सचदेवा' : फाजिल्का शहर में सार्वजनिक जगहों पर पोस्टर चिपकाने पर लगने वाला पब्लिसिटी टैक्स का ठेका चढ़ा होने के बावजूद ठेका उठाने वाले ठेकेदार द्वारा केवल अपनी कमाई पर ध्यान दिलाया जा रहा है, जबकि शहर की सुंदरता बिगाड़ने वाले पोस्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। जबकि फ्लैक्स से ज्यादा शहर की सुंदरता के लिए खतरनाक पोस्टर हैं, जिन्हें धड़ल्ले से सरकारी इमारतों, सार्वजनिक जगहों व निजी संपत्तियों पर चिपकाकर शहर को बदसूरत बनाया जा रहा है।1बता दें कि फाजिल्का नगर कौंसिल से शहर में इश्तिहारबाजी का ठेका ब¨ठडा की किसी फर्म ने ले रखा है। इस फर्म से नगर कौंसिल को सालाना करीब आठ लाख रुपये की कमाई हो रही है। ठेकेदार नगर कौंसिल को ठेका राशि देकर अपनी कमाई तो कर रहा है, मगर शहर की सूरत को बिगाड़ रहा है, क्योंकि वह सरकारी, निजी व सार्वजनिक संपत्तियों पर पोस्टरों को चिपका रहा है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।1पोस्टरों से पटे चौक : नगर कौंसिल ने ठेका राशि से कमाई कर ली और ठेकेदार बड़े-बड़े फ्लैक्स विज्ञापनों या नगर कौंसिल द्वारा चिन्हित दर्जनों जगहों पर लगाए गए यूनिपोल के जरिये होने वाली पब्लिसिटी से कमाई कर रहा है लेकिन बड़ी कमाई के बीच न तो नगर कौंसिल और न ही ठेकेदार शहर की सार्वजनिक जगहों, सरकारी इमारतों, खंभों, बेरीकेडस व निजी इमारतों पर चिपकाए जा रहे पोस्टरों की अनदेखी कर रहे हैं। फाजिल्का के घंटाघर चौक, शास्त्री चौक, मेहरियां बाजार, बिजली घर व अन्य तमाम जगहों पर लोगों ने अपने समारोहों, विभिन्न आयोजनों, अपने प्रतिष्ठानों के प्रचार के लिए पोस्टर चिपका रखे हैं। सबसे ज्यादा पोस्टर धार्मिक संगठनों के चिपकाए गए हैं, जो धर्म के नाम पर ठेकेदार व नगर कौंसिल को अपने द्वारा लगाए जाने वाले फ्लैक्स बोर्ड की बनती फीस देने में आनाकानी करते हैं, बल्कि फ्लैक्स बोर्ड में मिली छूट का फायदा अपने आयोजनों के पोस्टर जगह-जगह चिपकाकर शहर का हुलिया बिगाड़ते हैं।1फाजिल्का के घंटाघर परिसर पर अवैध रूप से चिपकाया गया वोटर जागरुकता का पोस्टर (दाएं) फाजिल्का के घंटाघर बाजार में पावरकॉम के मीटर बॉक्स पर चिपके अवैध पोस्टर' जागरणफाजिल्का के सर्राफा बाजार में नगर कौंसिल के कार फ्री जोन की बेरीकेडिंग पर चिपगाए गए धार्मिक समारोह के पोस्टर, जिसके पीछे नगर कौंसिल के बेरिकेडिंग पर लिखा संदेश भी छिप गया है।सरकारी संगठन भी नहीं हैं पोस्टरबाजी में पीछे1कोई कमर्शियल संस्थान या फिर एनजीओ अपने पोस्टर तो शहर में नगर कौंसिल की मंजूरी के बिना लगाती ही हैं। साथ ही प्रशासनिक कार्यक्रमों व विभिन्न योजनाओं के पोस्टर भी सार्वजनिक जगहों पर चिपकाकर शहर की सुंदरता बिगाड़ने में पीछे नहीं हैं। इन दिनों वोटर जागरुकता के पोस्टर भी जगह-जगह सरकारी व निजी इमारतों पर चिपके देखे जा सकते हैं। इस बारे में नगर कौंसिल के सुपरिंटेंडेंट राजेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पोस्टर हटाने का जिम्मा ठेकेदार का है। ठेकेदार अवैध पोस्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता तो कौंसिल उससे जवाब तलब करेगी।